asthma disease

दमा रोग- औद्योगिक कारखानों से निकली प्रदूषित कारकों के कारण वातावरण प्रदुषणमय हो गया है और मनुष्य इस प्रदूषित वायु को ही जीवित रहने हेतु सांस लेने के लिए मजबूर है।यदि मानव को सांस लेने में परेशानी होती है,दिक्कत होती है,इस स्थिति को ही दमा रोग कहा जाता है।दमा रोग में जब फेफड़ों की छोटी-छोटी नालियों में अकड़न या खिंचाव होने लगती है और संकुचन उत्पन्न होने लगता है।हमारे फेफड़े जो सांस लेते हैं उन्हें अंदर ले जाकर पूरी तरह से पचा नहीं पाते और पूरी सांस लिए बिना ही सांस छोड़ देता है।यह स्थिति दमा कहलाती है।

लक्षण:- सांस लेने में दिक्कत,जोर-जोर से सांस लेना,जीभ का तुतलाना,स्मरण शक्ति में कमी,बोलने में परेशानी,सर दर्द,मुख का सूख जाना,आँखें और मुँह लाल हो जाना आदि दमा के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण:- (1)श्वास नली में धूल कानों का जमा हो जाना ।

            (2) श्वास नली में ठण्ड लग जाना ।

            (3) देर से पचनेवाला पदार्थों का सेवन करना ।

            (4) दस्त रोकने वाले पदार्थों का सेवन करना ।

            (5) ज्यादा ठंडी चीजों या पानी पानी पीने के कारण ।

            (6) अधिक परिश्रम या भारी सामान उठाने के कारण ।

            (7) वातावरण में नमी होने के कारण ।

उपचार:- (1) सफ़ेद प्याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से दमा रोग का नाश हो जाता 

                   है।

             (२) प्याज का रस अदरक का रस और तुलसी का रस तीनों समान भाग लेकर मिलाकर सेवन करने से 

                   दमा रोग दूर हो जाता है।

             (3) अपामार्ग की जड़ का चूर्ण आधा ग्राम की मात्रा शहद के साथ खाने से दमा रोग नष्ट होता है।

             (4) अपामार्ग का रस और शहद मिलाकर खाने से दमा रोग नष्ट होता है।

             (5) अर्जुन की छाल एक चम्मच गाय के दूध में इतना उबालें कि दूध आधा रह जाय और छानकर उसमें 

                   एक रत्ती चीनी मिलाकर पीने से दमा कि बीमारी नष्ट हो जाती है।

             (6) एक चम्मच अदरक का रस,एक चम्मच अनार का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन तीन 

                   -चार बार सेवन करने से दमा कि बीमारी दूर हो जाती है।

             (7) मेथी दाना तीन चम्मच एक लीटर पानी में धीमे आंच पर उबालें एक चौथाई रह जाने पर उतार लें 

                  और छानकर उसमें दो चम्मच अदरक के पेस्ट का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से दमा 

                  रोग का नाश हो जाता है।

             (8) आंवल पाउडर दो चम्मच लेकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से दमा रोग 

                   दूर हो जाता है।

             (9) सरसों तेल चार चम्मच लेकर उसमें कपूर डालकर गर्म करके ठंडा होने पर सीने पर और पीठ पर 

                   मालिश करने से दमा रोग में बहुत आराम मिलता है।


hooping cough

कुक्कुर खांसी :-कुकर खांसी बैसिलस परट्यूसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है ,जो नाक और गला को प्रभावित करता है।यह रोगी के बलगम में होता है,जो खांसने में कफ के साथ छोटे -छोटे कणों के रूप में श्वास नली द्वारा अन्य व्यक्तियों में फ़ैल जाता है। इस बीमारी में श्वसन तंत्र में सूजन हो जाती है और हमेशा खांसी का आक्रमण होता रहता है।यह रोग 6 -7 साल से काम आयु वर्ग के बच्चों में ज्यादातर पाया जाता है;किन्तु यह युवा और वृद्ध व्यक्ति को भी हो सकता है। इस बीमारी में खांसते -खांसते आँखें और चेहरा लाल हो जाता है तथा वामन भी होने लगता है।इस रोग से पीड़ित व्यक्ति साँस लेते या खांसते समय कुत्ते जैसी आवाज करता है ;इसलिए इस रोग को कुक्कुर खांसी ,कुकर कास या काली खांसी भी कहते हैं ।

इस रोग का संक्रमण काल 6 -18 दिन है।इस बीमारी के प्रथम चरण में छींकना,आँखों से पानी आना,नाक बहना,भूख काम होना,ऊर्जा का ह्रास होना और रात के समय खाँसना आदि शामिल है।दूसरे चरण में लगातार खांसते रहना और भोंकने जैसी आवाज आना जब व्यक्ति साँस लेने की कोशिश करे।तीसरे चरण में रोगी में सुधार होने लगता है ,खांसी कम होने लगती है या कभी -कभी होती है।  

उपचार:-(1 )लसोड़े की चटनी ,दशमूल का काढ़ा या घृत तथा चंद्रामृत रस के सेवन से कुकर खांसी ठीक हो जाती है।  

            (2)मुनक्का,पीपर और सोंठ को सामान भाग लेकर कूट पीस कपड़छान कर चूर्ण बनाकर शहद और घी (असमान भाग) चटाने से कुकर 

                खांसी नष्ट हो जाता है।

             (3 )कटेली के फूल और केसर को बारीक कूट पीसकर शहद के साथ चटाने से पुरानी से पुरानी खांसी भी नष्ट हो जाती है।

             (4 )अदरक का रस और शहद मिलकर दिन में दो- तीन बार चटाने से कुकर खांसी का नाश होता है।

             (5 )तीन बादाम रात को पानी में डालकर रख दें ,प्रातः बादाम के छिलके उतार लहसुन की एक कली और मिश्री मिलाकर पीस लें| इस पेस्ट को रोगी को खिलाने से कुकर खांसी का नाश होता है।


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