sinusitis disease
साइनस या वायु विवर शोथ रोग :- साइनस या वायु विवर शोथ एक अत्यंत गंभीर रोग है जो सर में स्थित वायु विवर या साइनस छिद्रों में गतिरोध उत्पन्न होने के कारण होता है। साइनस का सामान्य कारण जुकाम है ,जिसमें नाक लगातार बहती रहती है। वास्तव में जुकाम एक संक्रामक रोग है और फिर बैक्टीरियल,वायरल या फंगल संक्रमण के साथ उग्र हो जाती है। साथ ही प्रदूषण,ठंडी हवा,धूल,धुंआ आदि के कारण भी साइनस की बीमारी में वृद्धि हो जाती है और अत्यंत कष्ट प्रदान करती है। इसे वायु विवर शोथ रोग के नाम से जाना जाता है।
लक्षण :- सिरदर्द,बदन दर्द,बुखार एवं बेचैनी,घ्राण शक्ति में कमी,थकान,खांसी,नाक से पानी आना,नाक बंद हो जाना,आँखों के ऊपर दर्द,साँस लेने में तकलीफ,चेहरे की मांसपेशियों में दर्द,गले में दर्द,आवाज में बदलाव आदि साइनस या वायु विवर शोथ रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- साइनस या वायु विवर छिद्रों में गतिरोध,बैक्टीरिया एवं फंगल इंफेक्शन,जुकाम होना,अस्थमा,पोषक भोज्य पदार्थों की कमी,प्रदूषण ,धूल धुंआ आदि से युक्त जगहों में अधिक समय तक रहना आदि साइनस या वायु विवर शोध रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) प्याज के रस की दो - तीन बूंदें प्रतिदिन सुबह - शाम नाक में डालने से साइनस या वायु विवर शोथ रोग ठीक हो जाता है।
(2) सहजन की फली से रस या सूप निकालें और उसमें अदरक लहसुन,प्याज एवं काली मिर्च डालकर काढ़ा बनाकर पीने से साइनस या वायु विवर शोथ रोग हमेशा के लिए ठीक हो जाती है।
(3) मेथी के दो चम्मच दाने को पानी में उबालकर प्रतिदिन सुबह - शाम सेवन करने से साइनस की बीमारी ठीक हो जाती है।
(4) नमक,बेकिंग सौदे का इश्तेमाल नाक की धुलाई में करने से साइनस की बीमारी समाप्त हो जाती है।
(5) पालक के प्रयोग द्वारा भी साइनस की समस्या समाप्त हो जाती है।
(6) एक कप पानी में एक चम्मच सेब के सिरके के सेवन से भी साइनस की समस्या ठीक हो जाती है।
(7) टमाटर एवं लहसुन डालकर सूप बनाकर उसमें काला नमक डालकर पीने से साइनस की समस्या दूर हो जाती है।
(8) चकोतरा के रस की 10 बूंदों को एक बड़ा कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह - शाम पीने से साइनस की समस्या से निजात मिल जाती है।
(9) गाय के घी की दो - तीन बूंदें नाक में प्रतिदिन डालने से साइनस या वायु विवर शोथ दूर हो जाता है।
(10) सरसों तेल की दो - तीन बूंदें नक् में प्रतिदिन डालने से साइनस रोग ठीक हो जाता है।