श्वेतपटल विकार रोग : - श्वेतपटल विकार आँखों का एक गंभीर रोग है,जिसमें श्वेतपटल के सफ़ेद कोशिकाओं में सूजन या अन्य प्रकार के संक्रमण हो जाने की वजह से होता है। वास्तव में श्वेतपटल आँख के आकार को निर्धारित करता है जो अपारदर्शी,चमकदार एवं कण्डरा जैसी दिखती है। जब स्क्लेरा रक्त वाहिकाओं एवं तंत्रिकाओं में विकार उत्पन्न हो जाता है तब श्वेतपटल की परतें क्षीण एवं संक्रमित होकर इसके रंग में परिवर्तन दृष्टिगोचर होता है। आँखों के सफ़ेद भाग में लाली या बिंदु बन जाता है। 

लक्षण : - आँखों में दर्द,जलन,सिरदर्द,दृश्य तीक्ष्णता की कमी,चक्कर आना,साइकलेरा के ट्यूमर होना आदि श्वेतपटल विकार रोग के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - आनुवांशिक,बढ़ती उम्र,सिक्रल ऊतक में सूजन,ग्लूकोमा,गंभीर प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारी,अधिक लम्बे समय की रुमेटी गठिया,धूल पराग की एलर्जी,श्वेतपटल का पतला होना आदि श्वेतपटल विकार रोग के मुख्य कारण हैं। 

उपचार :- (1) प्रतिदिन एक आंवले का मुरब्बा खाने से श्वेतपटल विकार समाप्त हो जाता है। 

(2) चुकुन्दर, गाजर एवं पालक के कुछ पत्ते को काटकर एक गिलास पानी में डालकर धीमी आंच पर उबालें और जब आधा से कम रह जाने पर छान कर पीने से श्वेतपटल विकार कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। 

(3) गुलाब जल की दो - तीन बूंदें प्रतिदिन आँखों में डालने से श्वेतपटल विकार ठीक हो जाता है। 

(4) काली मिर्च के चूर्ण को घी एवं बूरा के साथ प्रतिदिन सेवन करने से श्वेतपटल विकार ठीक हो जाता है। 

(5) प्रतिदिन सेब,संतरे,चेरी,अनानास,पपीता,अंगूर आदि फलों के सेवन से श्वेतपटल विकार ठीक हो जाता है। 

(6) विटामिन ए,से भरपूर सब्जियों जैसे - पालक,मेथी,हरी पत्तीदार शक के सेवन से भी श्वेतपटल विकार ठीक हो जाता है। 

(7) अखरोट,खजूर,किशमिश एवं अंजीर का प्रतिदिन सेवन करने से श्वेतपटल विकार रोग ठीक हो जाता है। 

योग एवं प्राणायाम : - अनुलोम- विलोम, कपालभाति,भ्रामरी भस्त्रिक, आँखों को दाएं - बाएं, ऊपर - नीचे,गोल - गोल घुमाना आदि। 


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