चुचुक विसर्जन रोग :- चुचुक विसर्जन या निप्पल निर्वहन रोग स्त्रियों का एक गंभीर रोग है,जिसमें स्त्रियों के स्तनों के निप्पल से लैक्टेशन के अलावा दूसरे प्रकार का स्राव होता है।वैसे तो चुचुक विसर्जन अलग - अलग परिस्थितियों में सामान्य है;किन्तु प्रजनन के कुछ दिनों या वर्षों तक सामान्य स्थिति हो सकती है। इसके अतिरिक्त महिला गर्भवती हो या नहीं हो,शिशु को स्तन पान कराती हो या नहीं ;किन्तु इसके अलावा भी यदि स्तनों से स्राव होता है तो यह सामान्य स्थिति नहीं ।स्तनों की दूध नलिकाओं में संक्रमण के कारण भी स्राव हो सकता है।इसके अतिरिक्त स्तनों के आसपास त्वचा में फोड़ा फुंसी के कारण भी स्राव होने की संभावना है।इसके अतिरिक्त पैगेट रोग के कारण भी स्तनों से स्राव होता है।

लक्षण :- दूधिया रंग का स्राव,हरा,पीला एवं भूरे रंग का स्राव,पानीदार स्राव,गाढ़ा एवं चिपचिपा स्राव,स्तनों के आसपास त्वचा में बदलाव,स्तनों 

            में दर्द स्तनों में भारीपन आदि चुचुक विसर्जन के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- हार्मोनल बदलाव,दवाओं का कुप्रभाव,पैगेट रोग,स्तन में चोट लगना,फोड़ा - फुंसी होना,ट्यूमर,पिट्यूटरी ट्यूमर,स्तन पान न 

             कराना,गर्भावस्था,मासिक धर्म की अवधि के दौरान आदि चुचुक विसर्जन के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) स्तन से दूध निकालकर स्तन के निप्पल के चारों तरफ लगाकर कुछ देर खुली हवा में सूखने दें। ऐसा करने से चुचुक विसर्जन 

                    रोग दूर हो जाता है।

(2) एक कप पानी में दो - तीन चम्मच सेब का सिरका मिलाकर स्तन के निप्पल के चारों तरफ लगाने से चुचुक विसर्जन रोग ठीक हो जाता है।

(3) गुनगुने जल में दो - तीन बूंदें टी ट्री ऑयल मिलाकर निप्पल के चारों तरफ लगाएं और सूखने पर ठंडे जल से धो लेने से चुचुक विसर्जन रोग 

      दूर हो जाता है।

(4) एलोवेरा के जुड़े को पीसकर निप्पल के चारों तरफ लेप करने से चुचुक विसर्जन रोग दूर हो जाता है।

(5) विटामिन सी युक्त खड़ी पदार्थों जैसे नीम्बू,ब्रोकली,शिमला मिर्च,संतरा,पपीता,तरबूज,कीवी आदि के सेवन से भी चुचुक विसर्जन रोग ठीक 

      हो जाता है।

(7) नारियल तेल को गुनगुना कर निप्पल के चारों तरफ मालिश करने से भी चुचुक विसर्जन रोग ठीक हो जाता है।

(8) अश्वगंधा चूर्ण के नियमित सेवन से निप्पल निर्वहन या चुचुक विसर्जन रोग ठीक हो जाता है।  

(9) दूध में तीनों प्रकार के हल्दी ( सामान्य,अम्बा,दारू हल्दी ) चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से निप्पल निर्वहन या चुचुक विसर्जन रोग दूर हो जाता है। 

(10) चाय के पौधे के तेल की मालिश द्वारा भी निप्पल निर्वहन या चुचुक विसर्जन को दूर किया जा सकता है। 

(11) कैलेंडुला के तेल की मालिश द्वारा भी चुचुक विसर्जन को दूर किया जा सकता है। 

(12) विटामिन सी के नियमित सेवन या विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से निप्पल निर्वहन या चुचुक विसर्जन को ठीक किया जा सकता है। 

(13) तुलसी के पत्तों का रस को निप्पल के चारों तरफ लगाने और मालिश करने से निप्पल निर्वहन या चुचुक विसर्जन में बहुत लाभ मिलता है। 

योग,आसान और प्राणायाम : - अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भ्रामरी,भस्त्रिका,हलासन,शशकासन,शीर्षासन आदि। 


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