चेहरे का लकवा :- चेहरे का लकवा अत्यंत कष्टदायक बीमारी है ,जो चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करनेवाली नसें मस्तिष्क में क्षतिग्रस्त होने के कारण होती हैं। नसों में क्षति होने की स्थिति में हँसना,बोलना एवं मुँह खोलने में परेशानी का अनुभव होती है एवं चेहरे की मांसपेशियां कमजोर होकर लटकी दिखाई पड़ती है।ऐसी स्थिति चेहरे के एक तरफ या दोनों ओर हो सकता है।जब भी ऐसी स्थिति हो तो आपातकालीन उपचार की आवश्यकता है।तत्काल उपचार न मिल पाने की स्थिति में यह जानलेवा साबित हो सकती है।
लक्षण :- मुँह का टेढ़ा हो जाना,गर्दन टेढ़ी हो जाना,मुँह से आवाज नहीं निकलना,गाल टेढ़े हो जाना,मुँह से लार गिरना,चक्कर आना,आँखों से आंसू काम आना,स्वाद महसूस करने में परेशानी,बोलने में दिक्कत,उलझन या भ्रम की स्थिति,शारीरिक तालमेल में कमी,देखने में परेशानी आदि चेहरे का लकवा के के प्रमुख कारण हैं।
कारण :- चेहरे की नसों में सूजन,सिर पर चोट लगना,सिर या गर्दन में ट्यूमर होना,स्ट्रोक,तंत्रिका तंत्र में विकार आदि चेहरे का लकवा के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) तिल के तेल की नियमित मालिश से चेहरे का लकवा दूर हो जाता है।
(2) दूध में एक चम्मच सोंठ और थोड़ी सी दालचीनी डालकर उबालें और छानकर थोड़ा सा शहद डालकर सुबह - शाम सेवन करने से चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है।
(3) धतूरा को सरसों या तिल के तेल में पकाकर मालिश करने से चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है।
(4) कलोंजी के तेल की मालिश से कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
(5) तिल का तेल 50 ग्राम से 75 ग्राम की मात्रा गर्म करके पीने से एवं साथ लहसुन खाने से चेहरे का लकवा दूर हो जाता है।
(6) लहसुन की चार - पांच कलियाँ पीसकर मक्खन में मिलकर सेवन करने से चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है।
(7) आक के पत्तों को सरसों के तेल में उबालें और शरीर के प्रभावित हिस्से पर लगाने से चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है।
(8) सोंठ और साबुत उड़द दोनों को 250 ग्राम पानी में उबालें और छानकर पीने से चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है।
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