मिर्गी या अपस्मार :-मिर्गी रोग एक मस्तिष्कीय विकृति है,जो दिमाग में रक्त संचरण अथवा तंतुओं में किसी प्रकार की विकृति आ जाने के कारण होता है।मानव मस्तिष्क असंख्य तंत्रिका कोशिकाओं की क्रियाशीलता को नियंत्रित करता है।हमारे मस्तिष्क के सभी कोशिकाओं में विद्युत् का संचार होता है ;लेकिन जब कभी इसमें असामान्य रूप से विद्युत् का संचार होने लगता है तो व्यक्ति को एक विशेष प्रकार का झटका लगता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। यह अवधि चाँद सेकंड ,मिनट या घंटों तक की हो सकती है।

उपचार :-(1 )लहसुन 1 तोला,काला तिल 3  तोला,या काले तिलों का तेल 2 तोला ,दोनों को मिलाकर प्रतिदिन सुबह -शाम 21 दिनों तक खाने से मिर्गी रोग नष्ट हो जाता है। 

             (2 )बाह्मी का रस 1 तोला ,शहद1 तोला मिलाकर पीने से मिर्गी रोग तीन दिनों में ही दूर हो जाता है।

             (3 )आक की जड़ की छाल को बकरी के दूध में रगड़ कर नश्य देने से मिर्गी रोग दूर हो जाता है ।  

             (4)पेठा के स्वरस में पिसी हुई 6 माशा मुलेठी रोजाना खाने से मिर्गी रोग नष्ट होता है \  


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