अवसाद या डिप्रेशन रोग :- अवसाद या डिप्रेशन एक मनोरोग है,जो मनुष्य के भावनाओं,विचारों,कार्यकलापों एवं व्यवहारों से दृष्टिगोचर होता है।यह मानसिक विकार वास्तव में एक गंभीर मनोवैज्ञानिक स्थिति है ,जिसमें मनुष्य अपने - आपको असहाय,लाचार एवं अकेला महसूस करने लगता है।किसी के प्रति अत्यधिक लगाव ,आकर्षण, कोई हादसा या किसी प्रियजन से बिछुड़ना आदि इसका सबसे प्रमुख कारण  माना जाता है।सही  मायने में मनुष्य के दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स के अभाव या कमी के कारण होता है,जो रसायन दिमाग एवं शरीर के विभिन्न भागों में तारतम्य स्थापित करते हैं।इनके अभाव की स्थिति में शरीर की संचार व्यवस्था बाधित होती है और व्यक्ति में अवसाद के लक्षण देखने को मिलता है।मन में भय,चिंता,भ्रम की स्थिति में मन व्याकुल हो जाता है और कभी - कभी तो इतना भ्रमित हो जाता है कि उसकी जीने की इच्छा समाप्त हो जाती है और आत्महत्या जैसे कदम उठा लेता है।आजकल मंदी एवं कॉम्पिटिशन के दौर में व्यापारीगण एवं परीक्षाओं एवं प्रतियोगिता में असफल होने पर विद्यार्थीगण अवसाद से ज्यादा पीड़ित देखे जा सकते हैं।

लक्षण :- किसी काम में मन न लगना,रूचि का अभाव,स्वयं को लाचार एवं निराश महसूस करना,स्वभाव उग्र हो जाना,नींद न आना,भय,भ्रम,चिंता युक्त होना,गुमसुम रहना,निर्णय न ले पाना,आलस्य से भरा हुआ लगना,चिड़चिड़ापन,तनावग्रस्त,अशांत मन वाला,कभी - कभी गाली- गलौज करना,अत्यधिक रोना आदि अवसाद या डिप्रेशन के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- जैव रसायनों में बदलाव,आनुवांशिक कारण,हार्मोनल,मौसम,तनाव,किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होना,धूम्रपान,नशा,अप्रिय स्थितियों में अधिक संजय तक रहना,अनिंद्रा,विफल हो जाना या विफल होने का भय,कुपोषण,गंभीर आघात,प्रियजन से बिछुड़ना,नकारात्मक चिंतन,शारीरिक रुप से कमी आदि अवसाद या डिप्रेशन के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) बच,शंखपुष्पी एवं शतावर को समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन सुबह - शाम सेवन करने से अवसाद या डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।

(2) अश्वगंधा पाउडर का सेवन देशी घी के साथ प्रतिदिन सुबह - शाम सेवन करने से अवसाद या डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।

(3) बच,मुलेठी,शतावरी,ब्राह्मी,अश्वगंधा समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से अवसाद या डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।

(4) शिलाजीत रसायन कल्प के सेवन से भी अवसाद या डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।

(5) ब्राह्मी चूर्ण को देशी घी के साथ सेवन करने से अवसाद या डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।

(6) चन्दन का लेप सिर पर करने से भी अवसाद या डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।

(7) अदरक,सोंफ,शतावरी,हरीतकी,ब्राह्मी के चूर्ण को जल में डालकर उबालें और छानकर सेवन करने से अवसाद रोग दूर हो जाता है।

(8) कल्याणघृत को गर्म दूध के साथ सेवन करने से अवसाद रोग दूर हो जाता है।

(9) ब्राह्मी आरक के सेवन से भी अवसाद रोग दूर हो जाता है।

(10) सारस्वतारिष्ट के सेवन से अवसाद रोग दूर हो जाता है।

(11) चंदनासव के से सेवन से अवसाद रोग दूर हो जाता है।

(12) इंद्र वारुणी,चित्रफल,बिभीतकी,आमलकी,तगार,हरिद्रा,मंजिष्ठा,चन्दन सबको जल में उबालें और छानकर पीने से अवसाद रोग दूर हो जाता है।


0 Comments


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग